केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह (स्वतंत्र प्रभार) बॉम्बे चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के वार्षिक “सीएसआर कॉन्क्लेव” में वर्चुअल रूप में सम्मिलित हुए। इस मीटिंग में राव इंद्रजीत सिंह ने सीएसआर के बारे में अपने विचार और जानकारी भी साझा की कि कैसे सीएसआर की अवधारणा ने कॉर्पोरेट क्षेत्र में परोपकार से लेकर रणनीतिक व्यापार निर्णय लेने तक परिवर्तन देखा हैं। सीएसआर को अब जरूरतमंदों के लिए दान या स्वैच्छिक सहायता के रूप में नहीं देखा जाता है, आज यह किसी कंपनी के व्यवसाय दर्शन का एक अभिन्न अंग बन गया है।
अप्रैल 2014 से सीएसआर को अनिवार्य बनाने के बाद से कंपनियों ने विभिन्न गतिविधियों में 1.5 लाख करोड़ से अधिक खर्च किये हैं मीटिंग में ये भी उल्लेख किया की सीएसआर में योगदान देने वाली कंपनियों की संख्या और वार्षिक सीएसआर व्यय दोनों में 2014-15 से 2021-22 तक वृद्धि हुई है।